अधिवक्ताओं ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर की उप पंजीयक कार्यालय खोलने की मांग

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दिलीप पाल

आमला- लगभग 50 हजार से अधिक जनसंख्या वाले आमला तहसील को अनुभाग का दर्जा तो मिल गया, लेकिन एसडीएम की नियुक्ति नहीं हुई। उप पंजीयक कार्यालय के अभाव में आमजनता को 30 से 35 किमी की दूरी तय करना पड़ता है।

इन्हीं परेशानियों को देखते हुए लंबे समय से शहरवासी उप पंजीयक कार्यालय खोलने की मांग कर रहे थे। किन्तु अब तक उप पंजीयक कार्यालय खोले जाने को लेकर सार्थक पहल नहीं हुई। अधिवक्ता संघ आमला अध्यक्ष हिरमन नागपुर, वरिष्ठ अधिवक्ता राजेन्द्र उपाध्याय ने पुन: ज्ञापन सौंपकर कलेक्टर से आमला में उप पंजीयक कार्यालय और एसडीएम पदस्थापना, तहसीलदार व अधीनस्थ कर्मचारियों की नियुक्ति करने की मांग की।

आमला को अनुभाग का मिला दर्जा, लेकिन एसडीएम की नियुक्ति नहीं

अधिवक्ताओं ने बताया कि आमला तहसील में तहसीलदार और अधीनस्थ कर्मचारियों का पद रिक्त है। बाबू का कार्य कोटवार से लिया जा रहा है। आवश्यक कार्य भी अकुशल कर्मचारियों से करवाए जा रहे है। उप पंजीयक की पदस्थापना की मांग लगातार की जा रही है। शासन को विगत कई वर्षों से पत्र लिखे जा रहे है। सामाजिक संगठनों ने भी उप पंजीयक कार्यालय प्रारंभ करने मांग की, किन्तु अब तक न तो उप पंजीयक कार्यालय खुल पाया है और न ही अनुभाग घोषित होने के बाद एसडीएम की पदस्थापना की गई। जिसके कारण आमजनता को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

आमला शहर के अलावा 68 पंचायते शामिल-

आमला 68 पंचायतों का मुख्यालय है। यहां उप पंजीयक कार्यालय नहीं होने से लोगों को पंजीयन संबंधित कार्यो के लिए बैतूल या मुलताई आना-जाना पड़ता है। इससे समय और धन दोनों की बर्बादी होती है। आमला से मुलताई की दूरी लगभग 35 किमी है। वहीं बैतूल की दूरी भी इतनी ही है। जिसकी वजह से आमला क्षेत्र के लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। राजस्व से जुड़े मामलों के लिए भी ग्रामीण मुलताई-बैतूल पर ही निर्भर रहते है। कई बार संबंधित अधिकारियों के नहीं मिलने पर ग्रामीणों को बैरंग लौटना पड़ता है। इस दौरान परेशानियां अलग से उठानी पड़ती है।

लोगों का आरोप, आश्वासन में बीते साढ़े चार साल-

आमला में उप पंजीयक कार्यालय और एसडीएम की पदस्थापना के लिए जनप्रतिनिधियों द्वारा ध्यान नहीं दिये जाने का आरोप लगाया है। अधिवक्ता राजेन्द्र उपाध्याय का कहना है कि वर्षो से आमला शहर में उप पंजीयक कार्यालय खोलने की मांग उठ रही है। इसके लिए क्षेत्रीय विधायक को भी कई बार ज्ञापन सौंपा और हर बार, हर कार्यक्रम में यहीं आश्वासन मिला कि जल्द ही उप पंजीयक कार्यालय खोला जायेगा। इसी आश्वासन में साढ़े चार साल गुजर गये। अब आमला तहसील को अनुभाग का दर्जा मिला है, तो एसडीएम की नियुक्ति नहीं होने से अनुभाग का लाभ आमजनता को नहीं मिल रहा। जिससे आमजनता में जनप्रतिनिधियों की कार्यप्रणाली को लेकर रोष देखा जा रहा है।

इनका कहना है-

उप पंजीयक कार्यालय और एसडीएम की नियुक्ति को लेकर कलेक्टर से चर्चा हुई थी। फाइल भोपाल भेजी गई है। उम्मीद है कि जल्द ही उप पंजीयक कार्यालय खुल जायेगा।

डॉ. योगेश पंडाग्रे
विधायक, आमला


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