गोभी ने किया बेहाल नम आंखों से अपनी फसल को उजाड़ रहे किसान

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मुलताई- क्षेत्र के किसान लाखों की लागत और परिश्रम कर लगाई गई गोभी की फसल को दाम न मिलने के कारण खेत में ही रोटावेटर लगाकर बर्बाद करने को विवश है।

क्षेत्र के किसान बताते हैं कि क्षेत्र में अति वर्षा ने जहां किसानों की कमर तोड़ दी थी वहीं अब गोभी के दामों में आई गिरावट के कारण किसान आर्थिक बदहाली के दौर से गुजर रहे हैं। क्षेत्र के जिन किसानों ने खेतों में गोभी की फसलें लगाई थी महंगे, खाद, बीज, दवाइयां और दिन रात एक कर गोभी की फसल तो खेतों में लहलहाया था आज किसान उसे 30 पैसे प्रति किलो बेचने के बजाय खेतों में र रोटावेटर चला कर नष्ट करने को विवश है।

बता दे कि मुलताई के बिरुल क्षेत्र मे 50 से भी अधिक ग्राम गोभी उत्पादन के लिए संपूर्ण देश में जाने जाते हैं यहां की गोभी देश के अनेक प्रदेशों में जाती है किंतु इस बार गोभी के दामों में भयानक गिरावट आई है जिससे किसानों की लागत निकलना तो दूर फसल नष्ट करने के लिए भी पैसे खर्चा करना पड़ रहा है। आशीष यादव यादवराव धोटे निवासी दातोरा बताते हैं कि हमने 5 एकड़ गोभी की फसल लगाई थी। प्रति एकड़ पर गोभी लगाने पर किसान को 45 से 50 हजार रुपए लागत आती है।

इस प्रकार 5 एकड़ में लगभग ढाई लाख रुपए लागत लगी थी अब व्यापारी 30 पैसे प्रति किलो गोभी मांगते हैं खेत की गोभी बेचकर के जितने पैसे किसान को मिलेंगे इतने पैसे की कटाई की मजबूरी होती है और उस पर भी व्यापारी नहीं आ रहे हैं जिससे किसान अपनी फसल रोटावेटर चलाकर नष्ट करने के लिए विवश है। आशीष धोटे बताते हैं कि दातोरा ग्राम के रामेश्वर काले ने भी 2 एकड़ मे लगी गोभी पर रोटावेटर चला कर नष्ट कर दिया ।रवि धोटे ने भी अपनी फसल बेचे बगैर ही खेत में बर्बाद कर दी। जानकार बताते हैं कि 50 से भी अधिक ग्रामों में प्रत्येक ग्राम मे दर्जनों किसानों को अपनी फसल बर्बाद करना पड़ रहा है।


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