दिलीप पाल
आमला- आमला-सारणी मार्ग की मरम्मत के लिए बोरीखुर्द के पास कांग्रेसियों को चक्काजाम करना महंगा पड़ गया है। इस मामले में आमला पुलिस ने यातायात अवरूद्ध करने पर आमला नगरपालिका अध्यक्ष नितिन गाडरे, प्रदेश कांग्रेस प्रतिनिधि मनोज मालवे, ब्लॉका कांग्रेस अध्यक्ष मनोज देशमुख समेत 11 पर नामजद और शेष 14 अज्ञात पर मामला दर्ज कर लिया है।
पुलिस सभी को नोटिस जारी कर जवाब मांग रही है। कांग्रेसियों ने इस कार्रवाई को तानाशाही बताते हुए विरोध किया है। शुक्रवार को कांग्रेसियों ने आमला-सारणी मार्ग की मरम्मत के लिए अनुमति मांगकर प्रदर्शन किया था। हालांकि कांग्रेसियों को अनुमति किस बात की मिली, यह स्पष्ट नहीं हो पाया है, लेकिन पहले कांग्रेसियों ने बोरीखुर्द मार्ग पर आमला-सारणी मार्ग की मरम्मत के लिए प्रदर्शन किया और इसके बाद सड़क पर बैठकर रास्ता बाधित कर दिया। ज्ञापन लेने नहीं आने पर कांग्रेसियों ने जमकर नारेबाजी करते हुए मुख्यमंत्री और स्थानीय विधायक का पुतला भी जलाया। दूसरी तरफ बोरदेही जा रहे विधायक डॉ.योगेश पंडाग्रे के वाहन को भी रोककर नारेबाजी की। हालांकि पुलिस ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को यहां से हटा दिया। चक्काजाम करने के कारण कांग्रेसी प्रशासन और पुलिस के निशाने पर आ गए, लेकिन मुख्यमंत्री और भाजपा विधायक का पुतला फूंकने पर कांग्रेसी प्रशासन के निशाने पर आ गए।

नपाध्यक्ष, पीसीसी सदस्य समेत 25 पर एफआईआर
बोरीखुर्द मार्ग पर चक्काजाम करने वाले कांग्रेसियों की पुलिस ने वीडियो और फोटो के आधार पर सत्यता की। जानकारी के मुताबिक दो दिन बाद चक्काजाम करने वाले कांग्रेसियों को चिन्हित कर एफआईआर कर ली गई है। सभी पर धारा 341 का मामला दर्ज किया है। चक्काजाम पर एफआईआर वालों में प्रदेश कांग्रेस प्रतिनिधि मनोज मालवे, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष मनोज देशमुख, नपा अध्यक्ष नितिन गाडरे, कांग्रेस नेत्री सीमा अतुलकर समेत यशवंत हुड़े, मनीष नागले, पवन यादव, छन्नू बेले, जितेंद्र, वीरेंद्र बर्थे, प्रदीप कोकाटे, भूषण कांति, हेमंत धोटे, नितिन सराटकर समेत अन्य अज्ञात लोगों पर एफआईआर हुई है।

कांग्रेसी ने कहा लोकतंत्र का गला घोटा जा रहा है
कांग्रेसियों पर एफआईआर होने का मामला भी तूल पकड़ गया है। कांग्रेस ने इसे राजनीति द्वेष में की गई कार्रवाई बताते हुए हर मोर्चे पर विरोध करने तैयारी की है। मध्यप्रदेश कांग्रेस प्रतिनिधि मनोज मालवे ने कहा कि इस संबंध में जानकारी मिली है। कार्रवाई पूरी तरह से द्वेषपूर्ण है, क्योंकि ग्रामीणों की समस्या के लिए आधा घंटा सड़क जाम की गई, लेकिन पिछले दिनों अभाविप ने नेशनल हाइवे पर कई घंटों जाम किया तो तब उन पर कार्रवाई नहीं की गई।

यह पूरी तरह से तानाशाही पूर्वक कार्रवाई है। प्रदेश कांग्रेस प्रतिनिधि मनोज मालवे ने कहा कि जनहित के मामले में पुलिस ने भाजपा विधायक के दबाव में आकर कांग्रेसियों पर प्रकरण दर्ज किया है। जनहित के मामले में एक नहीं एक हजार प्रकरण भी दर्ज कर जेल भी भेज दे तो हम पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक तरीके से विरोध करना सभी का अधिकार है, लेकिन भाजपा के शासन में कांग्रेसियों की आवाज दबाने का प्रयास किया जा रहा है।