न्यू कार्मल कॉन्वेंट हयर सेकेंडरी स्कूल मे आयोजित अल्पविराम कार्यक्रम वर्कशॉप, जीवन के निर्णय मे अल्पविराम के लाभ

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मुलताई – खुशी हो, गम हो, क्रोध हो या रिश्तो पालन जीवन से जुड़े निर्णय लेते समय अल्पविराम अर्थात कुछ समय के लिए ठहना कितना महत्वपूर्ण होता है और यह निर्णय हमारे जीवन के आनंद को कितना प्रभावित करते हैं

इसकी जानकारी राज्य आनंद संस्थान द्वारा न्यू कार्मल कॉन्वेंट हयर सेकेंडरी स्कूल मे आयोजित अल्पविराम कार्यक्रम वर्कशॉप में दी गई। कार्मल कैंपस में आयोजित इस कार्यशाला में मुलताई नगर के शासकीय एवं अशासकीय शालाओं के बड़ी संख्या में शिक्षकों ने भाग लिया जिसमें राज्य आनंद संस्थान के ट्रेनर  दिलीप गीद एवं रेखा कापसे द्वारा शासकीय और अशासकीय शिक्षकों को आनंद संस्थान के बारे में जानकारी दी।

बताया की भक्ति दौड़ती जीवन शैली में खुशहाली के लिए भौतिक प्रगति एवं सुविधाओं से प्रसन्नता संभव नहीं,  प्रसन्नता एवं आनंद का भाव मानसिक शारीरिक और भावनात्मक उन्नति से ही संभव है। एक दिवसीय कार्यशाला में अल्पविराम का महत्व बताते हुए लोगों को अपने रिश्तो के प्रति जागरूक किया इस कार्यक्रम में न्यू कार्मेल कान्वेंट के शिक्षक शिक्षिकाएं एवं शासकीय विभाग के शिक्षक शिक्षिकाएं सम्मिलित हुए।

जिसमें शाला की प्राचार्य  विनीता नायर , संचना जैन, भावसार मैडम ,ठेपे मैडम, अमित, विशाल शासकीय संस्थाओं से आए गुलाबराव चिल्हाटे, हजारे सर, पंडाग्रे मैडम, ममता धोटे,  हारोड़े मैडम और अन्य कई शिक्षक शिक्षिकाएं शामिल हुए। जिसमें बताया गया कि हमारे जीवन में अल्पविराम का क्या महत्व है। अल्पविराम के फायदे रिश्तो को सुधारने के लिए अल्पविराम का उपयोग कैसे किया जाना चाहिए कुछ प्रश्नों के साथ जैसे अपने जीवन का उद्देश्य क्या है, हमारे जीवन में किस-किस ने हमारी मदद की ऐसे प्रश्नों को बता कर शिक्षक शिक्षिकाओं के अनुभवों को जाना ईर्ष्या ,घृणा ,अहम की भावना को कैसे हमारे अंदर से बाहर प्रसन्नता एवं आनंद की अनुभूति की जा सकती है इसके बारे में जानकारी देते हुए इस कार्यक्रम को सफल बनाया।


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