मुलताई- नगर पालिका चुनाव में कांग्रेस ने हारी हुई बाजी को जीत में बदलते हुए भाजपा की नगर पालिका अध्यक्ष नीतू प्रह्लाद परमार को कांग्रेस में शामिल करा दिया और नगरपालिका पर अपना पूर्ण अधिकार कर लिया। वही मुलताई नगर की राजनीति में भाजपा को एक और बड़ा झटका लग सकता है।
भाजपा के पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष अपने सहयोगियों के साथ कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। राजनीतिक हलकों से छनकर आ रही खबरों की माने तो इसकी अंदर खाने तैयारी पूर्ण हो गई है। ड्राफ्ट बन के तैयार है और शीघ्र ही किसी भी दिन यह घोषणा हो सकती है। हालांकि कांग्रेस पदाधिकारी इस संबंध में कुछ भी कहने से बचते दिखाई दे रहे हैं किंतु दोनों ही राजनीतिक हलकों में इस नए विलय को लेकर लाभ हानि की चर्चाओं का बाजार गर्म है।

हालांकि नगर पालिका चुनाव परिणाम के बाद उन्हें 6 साल के लिए भाजपा ने निष्कासित कर दिया गया है और फिलहाल उनका भाजपा से कोई संबंध नहीं है । किंतु निष्कासन के बाद भी उन्हें भाजपा नेता के रूप में ही जाना जाता है अगर वह कांग्रेस में शामिल होते हैं तो मुलताई नगर की राजनीति में कांग्रेस उन वार्ड में मजबूत हो सकती है जहां वह पहले बहुत कमजोर थी ।

विधानसभा चुनाव में क्या मायने रखता है मुलताई नगर
मुलताई विधानसभा चुनाव में नगर के लगभग 25 हजार मतदाताओं की जीत हार में महती भूमिका होती है और मुलताई नगर आरंभ से ही भाजपा का गढ़ रहा है बीते 20 वर्षों में विधानसभा जीतने के बावजूद कांग्रेस ने कभी नगर नहीं जीता लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव में जब कांग्रेस और भाजपा दोनों को लगभग बराबर वोट मिले तो यह परिणाम आशाओं के विपरीत कांग्रेस के लिए उत्साह जनक था। क्योंकि मुलताई नगर से हमेशा भाजपा को बड़ी लीड मिलती रही है । और इस बार कांग्रेस को मुलताई नगर पालिका अकेले नहीं मिली है अपने क्षेत्रों में मजबूत भाजपा नेताओं के साथ मिली है।