बाबा खाटू श्याम के रंग में रंगी पवित्र ताप्ती नगरी, उत्साह पूर्वक मनाया शीश दान दिवस

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असलम अहमद

मुलताई- पवित्र ताप्ती नगरी आज खाटू श्याम रंग में रंगी दिखाई दी। नगर में स्थित दोनो खाटू श्याम मंदिरो मे बाबा खाटू श्याम शीश दान दिवस उत्साह पूर्वक मनाया गया। बाबा श्याम भक्त बताते हैं कि इसी दिन घटोत्कच एवं मोरवी के पुत्र बर्बरीक ने भगवान कृष्ण को अपना शीश दान किया था

और वह शीश दानी कहलाए। यही कारण है कि खाटू श्याम भक्तों के लिए फागुन एकादशी का दिन अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस अवसर पर मासोद पंप बायपास मार्ग पर स्थित बाबा खाटू श्याम मंदिर एवं सोनौली मार्ग पर स्थित बाबा खाटू श्याम मंदिर के भक्तों द्वारा ताप्ती तट से विशाल निशान यात्रा निकाली गई जिसमें बड़ी संख्या में खाटू श्याम बाबा के भक्तों ने भाग लिया।

यात्रा में शामिल भक्तों का जगह-जगह स्वागत किया गया जगह-जगह पुष्प वर्षा की गई। इस यात्रा में निकाली गई झांकियां भी आकर्षण का केंद्र रही  और संपूर्ण नगर बाबा खाटू श्याम के जयकारों से गूंज उठा

बाल्यावस्था से ही महान योद्धा थे श्याम बाबा

बाबा खाटू श्याम के संबंध में स्कंद पुराण में विस्तार से उल्लेख मिलता है उन्हें मोरवी नंदन खाटू श्याम भी कहा जाता है। वह महाबली भीम एवं हिडिम्बा के पुत्र घटोत्कच एवं मोरवी के बड़े पुत्र थे उन्हें बर्बरीक के नाम से जाना जाता था।श्री श्याम बाबा की कथा मध्यकालीन महाभारत से आरम्भ होती है। 

वे बाल्‍यकाल से ही वे बहुत वीर और महान योद्धा थे। उन्होंने युद्ध कला अपनी माँ तथा श्री कृष्ण से सीखी। महादेव की घोर तपस्या करके.उन्हें प्रसन्न किया और तीन अमोघ बाण प्राप्त तीन अमोघ बाण प्राप्त किये। इसीलिए उन्हें तीन बाणधारी भी कहा जाता है। दुर्गा ने प्रसन्न होकर उन्हें धनुष प्रदान किया, जो उन्हें तीनों लोकों में विजयी बनाने में समर्थ था।

भगवान कृष्ण ने दिया था वरदान सच्चे मन से नाम उच्चारण से होगा उद्धार

खाटू श्याम ने द्वापरयुग में श्री कृष्ण से वरदान प्राप्त किया था कि वे कलयुग में उनके नाम श्याम से पूजे जाएँगे। श्री कृष्ण बर्बरीक के महान बलिदान से प्रसन्न हुए और वरदान दिया कि जैसे- जैसे कलियुग का अवतरण होगा, तुम श्याम के नाम से पूजे जाओगे। तुम्हारे भक्तों का केवल तुम्हारे नाम का सच्चे दिल से उच्चारण मात्र से ही उद्धार होगा। यदि वे तुम्हारी सच्चे मन और प्रेम-भाव से पूजा करेंगे तो उनकी सभी मनोकामना पूर्ण होगी और सभी कार्य सफ़ल होंगे।

मुलताई नगरी ऋषि-मुनियों की तपोभूमि ,मठ मंदिरों की नगरी है यहां अनेक प्राचीन मंदिर मंदिर है जिनकी अपनी महिमा है और जिन्हें लगभग सभी जानते हैं बीते दो दशक मे इन मंदिरों की श्रंखला में दो खाटू श्याम मंदिर भी जुड़ गए जो आज नगर की प्रमुख धरोहर के रूप में देखे जाने लगे हैं । मंदिर और खाटू श्याम बाबा के संबंध में भक्तों को ज्यादा जानकारी हो सके इसके लिए हमने सोशल मीडिया और अन्य स्रोतों से जानकारी कलेक्ट करके हमने उसे आलेख रूप दिया है।


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