विधायक ने की क्षेत्र को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग जिला पंचायत अध्यक्ष पहुंचे किसानों के साथ विद्युत कार्यालय
मुलताई- वर्षा नहीं होने से परेशान किसानों के लिए बिजली कटौती बड़ा संकट है जिसको लेकर ग्रामीणों में भारी आक्रोश है, और यह आक्रोश निरंतर बढ़ता जा रहा है।
किसान सड़कों पर आकर विरोध प्रदर्शन करने हेतु विवस है, सोमवार के दिन संपूर्ण क्षेत्र में पांच से अधिक स्थानों पर बिजली की समस्या को लेकर विरोध प्रदर्शन कर ज्ञापन सौपा गया इसमें कांग्रेस बीजेपी दोनों राजनीतिक दलों के संगठन भी शामिल थे।

विद्युत समस्या का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि बिजली कटौती की समस्या और मुलताई को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग को लेकर कांग्रेस विधायक सुखदेव पांसे ने मुख्यमंत्री के नाम पत्र लिखा है तो वही विद्युत समस्या से परेशान लोगों के साथ जिला पंचायत अध्यक्ष राजा पवार खुद विद्युत वितरण कंपनी का कार्यालय पहुंचे। सोमवार को मुलताई में दो अलग-अलग ग्राम के किसानों ने ज्ञापन सौप तो वही मुलताई तहसील के प्रभात पट्टन, घाट बिरोली, राय आमला मे विरोध प्रदर्शन घेराव और चक जाम किया गया।

जिला एवम् जनपद अध्यक्ष ने दिन में तीन फेस बिजली उपलब्ध कराने की मांग-
बैतूल जिला पंचायत अध्यक्ष राजा पवार एवं मुलताई जनपद अध्यक्ष नान्ही बाई पवार के नेतृत्व में सैकड़ो किसानों ने मुलताई ग्रामीण बिजली कार्यालय पहुंचकर बिजली की समस्या का निराकरण एवं तीन फेस बिजली दिन में उपलब्ध कराने के लिए ज्ञापन सौंपा, ज्ञापन में बताया गया कि ग्राम जौलखेड़ा, दुनावा निमनवाड़ा, प्रभात पट्टन, बिसनुर, हिवरखेड़, चंदोरा खुर्द, बरई एवं अन्य ग्रामीण कृषकों द्वारा बिजली कटौती के कारण फसलों की सिंचाई करने में समस्या की जानकारी दी गई। जिसके कारण खेतों में लगी मक्का, सोयाबीन, गोभी इत्यादि को भारी नुकसान हो रहा है। इसलिए तीन फेस बिजली रात में उपलब्ध न करा कर दिन में उपलब्ध कराई जाए ताकि जान माल की हानि से बचा जा सके।

भारतीय किसान संघ ने मुलताई तहसीलदार को सौपा ज्ञापन-
सोमवार भारतीय किसान संघ शाखा मुलताई के लखन पाठेकर, राजेश हिंग्वे, अनिल पाटिल, गुणवंत सिंह सिसोदिया, संजीव चडोकार, अजय सिंह चौहान, बलवंत सिंह सिसोदिया, रूपेश साहू आदि ने 6 सूत्री मांगों का ज्ञापन मुलताई तहसीलदार अनामिका सिंह को सौंप कर दिन में 10 से 12 घंटे बिजली दिए जाने सहित ग्राम मोही में नल जल योजना के लिए 24 घंटे बिजली कनेक्शन दिए जाने की मांग की। बारिश न होने से खराब हुई फसल का सर्वे कर राहत राशि दिलाया जाने, किसानों का बिजली बिल माफ करने, सब्सिडी वाले ट्रांसफार्मर तत्काल किसानों को दिए जाने आदि की मांग की गई।
मासोद में सहायक प्रबंधक का किया घेराव, रायआमला में भाजपा नेताओं ने किया चक्का जाम-
बिजली कटौती और शेड्यूल से किसान कितने परेशान हैं, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि किसानों के साथ भाजपा नेताओं को भी सड़क पर उतरकर आंदोलन में भाग लेना पड़ रहा है। यहां तक की उन्होंने रायआमला पर चक्का जाम कर दिया। जनपद सदस्य नितेश काले, सरपंच सुमन डांगे, संजय बारस्कर, रोहित नरवरे, प्रमोद भुजाड़े, आशीष गव्हाड़े, कमलेश नागले के नेतृत्व में किसानों ने मुलताई आठनेर मार्ग पर बैठकर प्रदर्शन किया।

जबकि मासोद में सहायक प्रबंधक का घेराव कर अपनी समस्या बताई। किसानों ने बताया कि मासोद के बिजली विद्युत केंद्र के 33 गांव में अघोषित बिजली कटौती से सैकड़ो किसान सहित घरेलू उपभोक्ता परेशान है। सहायक प्रबंधक मनोज वर्मा को ज्ञापन सौंप कर दिन में खेतों में बिजली सप्लाई करने की मांग की गई। कृषक भोजराज पाटनकर, दीपक नरवरे, गुलाब सिंह ठाकुर, सहदेव धोटे, धनराज चौरे, पवन सोलंकी, वामन बारस्कर, पिंटू घोङकी सहित सैकड़ो किसानों ने अपनी समस्या से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि बिजली कंपनी रात में बिजली देती है, जिसकी वजह से खेतों में काम करने में परेशानी का सामना करना पड़ता है, सांप, बिच्छू, जंगली जानवरों का डर अलग बना रहता है। खेतों में लगी फसल, साग, सब्जी, हरी भाजी, गोभी, मक्का, धान आदि फसलों में ओलित नहीं कर पा रहे हैं। बिजली कंपनी की लापरवाही एवं दोगला व्यवहार की वजह से ग्रामीण क्षेत्र में अघोषित बिजली कटौती की जा रही है।