4 पार्षद दे सकते हैं पार्टी सदस्यता से इस्तीफा चर्चाओं का बाजार गर्म

0
1057

बातें चर्चाओं की……..दिलीप पाल आमला

आने वाले विधानसभा चुनाव के ताने-बाने बुने जाने लगे हैं। राजनीतिक दल अपने -अपने रूठे को मनाने में लगे हुए है किंतु दूसरी ओर से पार्षदों के नाराजगी की भी खबरें आ रही है और यह माना जा रहा है कि सत्तारूढ़ पार्टी के 4 पार्षद विधानसभा के पहले पार्टी से इस्तीफा दे सकते हैं। हालांकि अभी यह  चर्चा है किंतु वर्तमान हालात में गंभीर है। जानकार बताते हैं कि पार्षदों की नाराजगी भी वाजिब है क्योंकि लोकार्पण कार्यक्रम और स्वागत समारोह में पार्षदों को सम्मान नही मिलना, पार्षदों की सुनवाई भी नहीं की जा रही है।

पार्टी में पार्षदों को कोई तवज्जो भी नहीं दिया जा रहा है। इससे नाराज सत्तारूढ़ पार्टी के चार पार्षद आने वाले विधानसभा चुनाव के पहले पार्टी सदस्यता से इस्तीफा देने की तैयारी में है। हालांकि की पार्टी के आलाकमान से जनप्रतिनिधि की शिकायत करने के बाद अगर कोई हल निकला तो यह सब रुक सकता है पर ऐसा कुछ नजर आता दिखाई नही दे रहा है।नगर के चौक चौराहों पर ऐसी चर्चा जोरो से चल रही है। की सत्तारूढ़ पार्टी के 4 पार्षद पार्टी से इस्तीफा दे सकते है। सूत्रों की माने तो पार्षदों ने एक मुख्य जनप्रतिनिधि के बर्ताव के कारण से पार्टी से इस्तीफा देने का मन बनाया है।

पार्षदों ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि जनप्रतिनिधि के द्वारा उनकी उपेक्षा की जा रही है। जिसके कारण आने वाले विधानसभा चुनाव के पहले पार्टी से वह इस्तीफा देंगे। हाईकमान को भी इस्तीफा सौंपेंगे उन्होंने बताया कि जनप्रतिनिधियों द्वारा उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है ।उनके कार्य और उनके वार्ड में मूलभूत सुविधाओं उपलब्ध कराने के लिए कई बार जनप्रतिनिधि को निवेदन कर चुके हैं,

इसके बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है,और इसके अलावा मान सम्मान में भी तवज्जो नही दी जा रही है। जिसकी वजह से पार्षद अपमानित महसूस कर रहे है आने वाले विधानसभा चुनाव के पहले इस्तीफा हाईकमान को सौंपेंगे सूत्रों ने बताया कि कुछ दिन पहले एक छात्रा के स्वागत समारोह में पार्षद को उनके ही वार्ड में कार्यक्रम में नहीं बुलाया गया इससे वह खासे नाराज है। वही तीन पार्षद कई दिनों से जनप्रतिनिधि से नाराज है, क्योंकि उनकी समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा है उनका भी कहना है कि जनप्रतिनिधि द्वारा चुनाव के समय हमारे वार्डो में बड़े बड़े वादे किए गये थे। और जीतने के बाद जनप्रतिनिध ने कोई ध्यान नहीं दिया हैं, जिसके कारण आने वाले विधानसभा चुनाव के पहले सामूहिक रूप से चार पार्षद पार्टी से इस्तीफा देंगे।इसके अलावा और अन्य पार्षद भी है जो नाराज है लेकिन पार्टी के सम्मान के लिए मोन रहते है।अगर ऐसा हुआ तो यह शहर से  चलने वाली चर्चा ग्रामीण क्षेत्रों में भी अपना असर छोड़ सकती है राजनीतिक विश्लेषण कर्ताओ का मानना है कि समय रहते इन दूरियों को पाटा जाना चाहिए अन्यथा इसके परिणाम घातक हो सकते हैं।



LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here