बैतूल-तन्मय को बोर में फंसे 40 घण्टे हो गए हैं और उसे बचाने जो खुदाई चल रही है वो महज 45 फ़ीट ही हो पाई है। यानी गांव की कहावत है की दिल्ली अभी दूर है।
जिला प्रशासन की हर सम्भव कोशिशें उन चट्टानों के आगे बेबस हो रही है जो कि कदम कदम पर रोड़ा बन रहे है। बोर के नज़दीक खेत मे बैठी तन्मय की मां की आंखें इंतेज़ार में पथरा गई है। वो हर उस आने जाने वाले शख्स से पुछ रही है कि मेरा बेटा कैसा है।

तन्मय के रेस्क्यू में दिन रात जाग कर सतत निगरानी में लगे कलेक्टर अमनवीर सिंह बैंस ने आज पत्रकारों से कहा कि तन्मय जिस जगह फंसा हुआ है। उससे चार फीट अधिक गहराई तक खुदाई हो चुकी है इसके बाद सुरंग बनाने 4-4 इंच आड़े बोर किये जायेंगे। इसके बाद सुरंग बनाने का काम शुरू होगा। बैंस ने बताया कि सुरंग में एक पैसेज बनाया जाएगा जिसमे एनडीआरएफ के जवान अंदर जाएंगे इस पूरी प्रक्रिया में शाम तक का समय लग सकता है। प्रशासन का ऑपरेशन तन्मय में चट्टानों के अलावा इन से रिस रहा पानी है जो कि खुदाई में दिक्कतें पैदा कर रहा है।

मासूम की आस मे गांव में पसरा सन्नाटा
आठनेर ब्लॉक के मांडवी में माहौल गमगीन है। गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। गांव में फर्राटे भरते वाहन है और आसपास के ग्रामीणों की आवाजाही है जो कि घटना स्थल पर भीड़ बढाकर पुलिस की परेशानी का सबब बन रहे है।

तन्मय के लिए तन मन से जुटे ग्रामीण
तन्मय के बोर में गिरने के बाद से मांडवी गांव के कुछ परिवारों के भले ही चूल्हे न जले हो लेकिन गांव के समाज सेवी जीवन नरवरे ने अपने घर पर जिले के पत्रकारों को भोज कराया। वंही घटना स्थल पर मौजूद जिला प्रशासन के नुमाइंदे, पुलिस कर्मी स्वास्थ अमले समेत बचाव कार्य में लगे पोकलेन ऑपरेटर और सहयोगी ग्रामीणों को चाय, नाश्ता,भोजन कराने में तन मन धन से जुटे हुए है।