BMO ने दिए स्वास्थ्य कर्मियों को मास्क और चश्मा लगाने के आदेश
मुलताई- नगर मे नेत्र संक्रमण, आई फ्लू, कंजक्टिवाइटिस मरीजों की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है नगर के प्रत्येक घर में नेत्र संबंधी संक्रमण के मरीज देखे जा रहे हैं विशेष तौर से छोटे बच्चों में नेत्र संक्रमण का फैलाव अधिक देखा जा रहा है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की ओपीडी में भी नेत्र संक्रमण के मरीजों की संख्या निरंतर बढ़ रही है और निजी स्वास्थ्य केंद्रों में भी नेत्र संक्रमण के मरीज देखे जा सकते हैं। आई फ्लू के मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए ब्लॉक स्वास्थ्य अधिकारी अभिनव शुक्ला ने सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों को आवश्यक रूप से चश्मा और मास्क लगाने के आदेश दिए है इसके साथ ही राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मध्य प्रदेश के उप संचालक द्वारा प्रदेश के सभी स्वास्थ्य अधिकारियों को नेत्र संक्रमण conjunctivits की रोकथाम के निर्देश दिए हैं।

Eye Flu के लक्षण-
आई फ्लू के मरीजों ने बताया कि इस बीमारी में आंखों से पानी निकलता है, आंखों में जलन होती है खुजली चलती है आंखें लाल हो जाती है और चुभन भी महसूस होती है। सामान्यतः आंख की बीमारी का प्रभाव 4 से 6 दिन तक दिखाई देता है। जानकारों के अनुसार रोग बढ़ाने पर यह समय अवधि बढ़ भी सकती हैं।

कैसे फैलता है कंजक्टिवाइटिस Eye Flu-
नेत्र विज्ञानी डॉक्टर रामदास गड़ेकर बताते हैं की आंख संक्रमण बीमारी का फैलाव संक्रमित मरीज की आंख से निकलने वाले स्त्राव के संपर्क में आने से से होता है। कई बार इसका बैक्टीरिया हवा में भी होता है इसलिए आई फ्लू के मरीजों को ब्लैक चश्मा लगाने की सलाह दी जाती है क्योंकि इस दौरान आंखें संवेदनशील हो जाती है जिससे तेज हवा या रोशनी के संपर्क में आने से परेशानी होती है। चश्मे से आंख को सुरक्षा मिलती है दूसरा बीमारी का बैक्टीरिया हवा में नहीं फैलता। यह पूछे जाने पर कि क्या या बीमारी बच्चों को अधिक प्रभावित करती है डॉक्टर गड़ेकर बताते हैं कि यह एक संक्रमण है यह बच्चे बड़ों सभी को बराबर प्रभावित करता है किंतु बच्चे ने लापरवाह अधिक होते हैं और प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण बच्चों में अधिक दिखाई देता है।

Eye Flu के फैलाव की रोकथाम कैसे करें-
तेजी से फैल रहे नेत्र संक्रमण की रोकथाम के लिए अपनी आंखों को छूने से पहले हाथो को धोले। संक्रमण व्यक्ति अपना टावल, तकिया , आई ड्रॉप उपयोग की गई वस्तु घर के अन्य सदस्यों से अलग रखें। स्विमिंग पूल तालाबों के प्रयोग से बचें। साफ हाथों से अपनी आंखों के आसपास किसी भी तरह के स्त्राव को दिन में कई बार साफ गिले कपड़े से धोएं।उपयोग किए गए कपड़े को गर्म पानी से धोलें।

इनका कहना-
आंख के संक्रमित मरीजों को इस बीमारी को गंभीरता से लेना चाहिए क्योंकि बीमारी बढ़ने के बाद आई बॉल को भी नुकसान पहुंचा सकती है। संक्रमण होने पर आंख स्वच्छ पानी से बार-बार धोए। डॉक्टर की सलाह से एंटीबायोटिक दवा का उपयोग करें।
अभिनव शुक्ला,ब्लॉक स्वास्थ्य अधिकारी मुलताई
