मुलताई -ताप्ती सरोवर को शनि सरोवर से जोड़ने वाली पुलिया एवं शुलूस गेट को तोड़कर फिर से निर्माण कराना होगा क्योंकि पुलिया की निचले भाग की स्थिति अत्यंत जर्जर स्थिति में पहुंच गई है, यह कहना है एसडीओ सी.एल मरकाम जल संसाधन विभाग का पुलिया एवं शुलूस गेट की जांच के बाद है।
18 मई को हम इंडिया न्युज ने गंभीर अवस्था में पहुंच गई है ताप्ती सरोवर के शुलूस गेट की पुलिया, हेडिंग से प्राथमिकता के साथ यह समाचार प्रकाशित किया था जिसके बाद संवेदनशील अनुविभागीय अधिकारी राजस्व तृप्ति पटैरिया ने इन खबरों को गंभीरता से लेते हुए नगर पालिका एवं जल संसाधन विभाग से इस संबंध में पत्र लिखा था। जिसके बाद आज एसडीएम तृप्ति पटैरया, एसडीओ सीएल मरकाम, मुख्य नगरपालिका अधिकारी नितिन बिजवे, उपयंत्री एलडी बचले ताप्ती सरोवर जाकर शुलुस गेट का जायजा लिया।

एसडीएम ने खुद गेट की पुलिया के नीचे उतर कर स्थिति को देखा और नगर पालिका अधिकारी को वहां फैली गंदगी हटाने के आदेश दिए। इस संबंध में तकनीकी अधिकारी एसडीओ जल संसाधन विभाग सीएल मरकाम ने बताया कि गेट वाले भाग को 7.5 मीटर लंबाई एवं 4 मीटर चौड़ाई में तोड़कर फिर से पूरा निर्माण करना होगा।

पुलिया का निचला भाग बहुत ही खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है। उन्होंने बताया कि यह नगरपालिका का कार्य है हम लोग तकनीकी मार्गदर्शन देकर इसका स्टीमेट बनाकर नगर पालिका को सौंप देंगे। इसके बाद निर्माण आदि की जवाबदारी नगरपालिका की ही होगी। क्योंकि ताप्ती सरोवर जल संसाधन विभाग के कार्य क्षेत्र में नहीं आता हम लोग सहयोग में तकनीकी परामर्श दे सकते हैं।

मालूम हो कि लगभग 20 वर्षों से नागरिक इस खराब शुलूस गेट के पुनः निर्माण की मांग करते आ रहे हैं, अनेकों बार नगर पालिका में प्रस्ताव हो चुके हैं। किंतु उसके बाद में भी कोई हल नहीं निकला। शुलूस गेट में पानी के रिसाव के चलते ताप्ती सरोवर असमय खाली हो जाता है। एसडीएम तृप्ति पटैरिया के प्रयास के बाद अब यह संभावना हुआ है कि इसका स्टीमेट बन कर इसी वर्ष यह निर्माण कार्य प्रारंभ हो सकेगा।
